सत्यार्थ युद्ध
समाचार यहाँ , घोड़ा यज्ञ का , नगर – प्रवेश किया है ,
पकड़ो – पकड़ो का आदेश , हंसध्वज महेश किया है ।
स-अक्षर के साक्षर पुत्र, पंच पुत्र थे पांडव समान ,
एक – एक बल – आज्ञाशाली, वे किशोरवय के जवान ।
सुगल ज्येष्ठ पुत्र थे ताकतवर , ब्रह्मास्त्र वह पाया था ,
दिशा उत्तर का रक्षा – भार , संभालने वह आया था ।
मंझले पुत्र सुरथ ने , रथ – कवचास्त्र पाया था ,
दक्षिण दिशा का रक्षा – भार , हाँ, वह संभालने आया था ।
सम नाम था, संझले का , की सर्वास्त्र वह पाया था ,
रक्षक बने वो पूर्व दिशा के , वे ही संभालने आया था ।
चौथे पुत्र सुदर्शन ने , मोह दर्शन के मोहास्त्र पाया था ,
पश्चिम दिशा का रक्षा – भार , संभालने को आया था ।
औ’ कनिष्ठ थे सुधन्वा , घोड़ा उसे ही पकड़ना था ,
किशोर थे विवाहित वे, हा – हा , युद्ध उसे ही लड़ना था।