5 शिखर कविताएँ
1.
अब्राहम लिंकन की असफलता
सार्थक और निरंतर प्रयास
करनेवाले व्यक्ति सफल होते हैं !
निष्क्रिय व्यक्ति सफल नहीं होते !
सक्रियता जरूरी है….
अब्राहम लिंकन के शब्द–
‘किसी की सफलता
इस बात का सबूत है
कि बाकी सभी भी सफल हो सकते हैं,
किन्तु ऊपर उद्धृत दृष्टिकोण अवश्य हो !’
2.
एक लड़की से फोन पर बात
आपके दर्शन कब होंगे
या दूरभाष पर वार्त्ता ?
मुलाकात से प्रगाढ़ता बढ़ती है,
किन्तु अभी तो मास्क और दूरी चाहिए,
फिर तो
वार्त्तालाप जरूरी है,
ताकि गुफ़्तगू हो सके !
यह न जुम्मन रहे,
न ही अलगू हो सके !
3.
दीवाना दीवानी
तेरे बिना भी क्या जीना ?
तेरे बिना क्या पीना ?
तेरे बिना क्या समीना ?
तेरे बिना मैं कमीना !
तेरे बिना तारेगना !
तेरे बिना सब मना !
यानी अंदर आना,
बाहर प्रस्थाना !
या मामा काना,
और काना दीवाना !
4.
प्यासा सावन
कोई तो होंगे,
जो आस लिए हैं !
पर अधिकांश यहाँ
प्यास लिए हैं !
कहते हैं,
सावन होती है प्यासा !
पर मुझे मिलेगी निराशा !
क्योंकि मुझे प्रेमबोध तक
पहुंचानेवाली कोई नहीं है !
क्या यह बिल्कुल सही है ?
5.
माशाअल्लाह
उनके कहने भर से हम
उम्मीद नहीं छोड़ेंगे !
उम्मीद में सच्चाई निहित है,
यह हित में है या नहीं,
पता नहीं !
तमाशा तो रहेंगे सतत,
पर हम माशाअल्लाह कहते रहेंगे !
हम प्रतिबद्धता लिए जीयें,
या छुपकर कहीं घी पीएं !