‘पेट’ को बहुवचन में क्या कहेंगे ?
पूरा नाम तो कुछ और है, किन्तु यहाँ इतना-सा ही उपनाम से काम चल जाएगा ! सेक्स और पीयर भले ही कहते-फिरे, सॉरी ‘शेक्सपियर’ कि ‘नाम में क्या रखा है?’ परंतु ‘पटेल सर’ से मिलने से लगा…. नाम में ही सबकुछ रखा है।
उन्हें बनाने में कुदरत ने अति जटिलता दिखा दी है, उनके व्यक्तित्व की चमक उनके पेटों पर जरूर दिखता है ! सॉरी, पेट तो एक ही होता है, इसे ‘बहुवचन’ में कहने का आशय यह है कि सर का पेट में कई पेट समा जाय! दरअसल, जब सर कुछ कहते हैं, अरे कहना क्या, बकते हैं, तो उनका बायाँ हाथ उनके गुब्बारे जैसे उभरे पेट पर हमेशा ही नाचते रहता।
सभी को लगता है, यह हाथ उनके सोने पर ही रूकते होंगे ! उनकी बातों में हमेशा ही लच्छेदार शब्दों का प्रयोग होते हैं, क्योंकि उन्हें राजनीति में अत्यंत रुचि है, लेकिन वे math पढ़ाते हैं और 50 की उम्र में भी वह यंग दिखते हैं, बशर्त्ते, उनके चार-चार पेट को छाँटकर हटा दी जाय !