प्यार की लौ
ऐ हवाओं
रखना हिफाज़त
बुझने न देना
लौ मेरे प्यार की
बहुत कुछ
जलाया है मैंने
इसको जलाए
रखने के लिए
हाथ जले मेरे
हिफाज़त में इसकी
प्रचंड वेग को
सह सके यह तेरे
बुझने न पाए
जो जगाई है
लौ मैंने
बस इतनी
नियामत रखना
लौ से लौ जलती चले
कारवां यह प्यार का
यूं हीं बढ़ता चले
एक दिन तो
ऐसा आएगा
जरूर आयेगा
जगमगा उठेगा जब
मेरा यह चमन
दीप मालाओं से