अतिथि आपदा
भविष्यवाणियों को धता बताते हुए अचानक ही व रातों-रात पूर्णिया प्रमंडल डूब गया…. सर्वाधिक क्षति किशनगंज और अररिया जिले को हुई है, पूर्णिया और कटिहार जिले की स्थिति धीरे-धीरे खराब हो रही है । अभिशप्त कोसी, महानंदा और परमान नदी के द्वारा व्युत्पन्न संकट धरी रह गयी । माँ गंगा कुछ तो खाली अवश्य है, परंतु ‘आपदा बोलकर थोड़े ही आता है’ कहावत सच हो उठा । अररिया के सहकर्मियों में राजेश सर और रिज़वान साहब से किसी प्रकार के संपर्क नहीं हो सका ! हाँ, सुधांशु सर आज आये थे और घर की चिंता व्यक्त किये । इधर पूर्णिया के अमौर से आस्तिक बाबू और जलालगढ़ के अरविंद भाई ने घरवाले से संपर्क का अनथक प्रयत्न किए, जो कि अद्यतन हो नहीं सका है । आस्तिक बाबू के दोमंजिले में पानी है और उनकी गाय बाढ़ में बह गई है । कल घर जाने का प्रयास किया था, किन्तु रास्ते से लौट आया । सभी रास्ते पर अप्रत्याशित पानी के कारण वे अपने घर तक नहीं पहुँच पाये थे ! कटिहार के कदवा में अपने घर में तौवाब जी फँसे हैं, उनसे भी संपर्क नहीं हुआ जा सका है । उनकी पत्नी और उनके एकसाला संतान से भी वे संपर्क नहीं कर पाए हैं । आज हलीम जी उनकी पत्नी के लिए सब्ज़ी पहुँचा आये हैं, जबकि हलीम जी की अम्मी और भाई तथा परिवार के लोग कटिहार-बारसोई के आबादपुर में घर में फँसे हैं।