1.
कैटेलिस्ट
जली हुई रोटियाँ खाते हैं,
अगर मेरा घर पास होती,
तो मैं बना देती !
मेरी एक कैटेलिस्ट
शिक्षिका मित्र के आलोकश:।
2.
नियोजित दिवस
‘नियोजित’ को
सरकार
नहीं मानते शिक्षक,
फिर काहे को
‘शिक्षक दिवस’ !
3.
गुरु
ज़िन्दगी
हर रोज़ सिखाती है,
‘ज़िन्दगी’ से बड़ा
कोई ‘गुरु’ नहीं !
4.
औरों की विविधता
थर्मल पावर के विन्यस्त:
औरों के बहाने
औरों के सयाने
क्यों और कैसे ?
औरों के प्रसंगश: ।
5.
राजी
राजीनामा
और उसके बाद फिर-फिर
वृहदतम मिलनसार
औरों के प्रकार,
ब्यौरे विकार !