अम्बे रानी
जगदम्बे बहुत दयालु है
सब भक्तों के प्यारी है
अपनी दया दृष्टि से मां
सारे जग को चमकाई है
जो भी इनके शरण में जाता
झोली भर के सबका आता
मां शक्ति स्वरूपा जगजननी
सबकी काया में सुख देती
विधा दायनी, वर दायनी
विघ्न हारनी , कष्ट निवारणी
तेरे अनुपम छावं में मां
मैं तुझे पुकरू आ जा मां
भक्तों के सर पर हाथ रखकर
जीवन नैया उबार दे मां
हे जगदम्बे तू तार दे
भक्तों को सवार दे।
विजया लक्ष्मी