जीत-हार
आगे-आगे बढ़-चढ़कर
बनते-बिगड़ते समीकरण
गिर पड़कर उदारीकरण
व्याकरणिक आकरण
विहार इलाके की
बिहार जाके की
लिए और भी उद्धरण
जो कि आगे का विन्यास लिए
उस ओर की पहल-अपहल
आगे होकर
पीछे मुड़कर
दिन-रात शांत मन से
और भी क्लांत मन से
तभी तो आप अपने को लेकर
कुछ भी कयास नहीं लगा सकते
प्रतिबद्धता से आगे बढ़कर शायद
हो आयद-आयद
और उनके प्रसंगश:
अटूट विश्वास
या कि जीत-हार
या कि बिहार !