कविता

जीवन एक उत्सव

जीवन एक उत्सव,
इसे क्षण -क्षण,
उत्सव कर जायें।
जीवन के लक्ष्य को,
अक्षय कर जायें।।
युगों युगों से चल रही।
अनन्त अमर जीवन धारा को,
प्रेम से संचित कर।
नित -नित उत्सव हम मनायें।।
जीवन एक उत्सव,
इसे क्षण -क्षण,
उत्सव कर जायें।।
जीवन का संचार उत्सव।
मन का हर्षोल्लास उत्सव।
चेहरों का निखार उत्सव।
मेलजोल की बात उत्सव।
खुशियों का विस्तार उत्सव।
शुभता का संचार उत्सव।
प्रेम का आलाप उत्सव।
नव्यता का इंतजार उत्सव।
सोचिये….!
बिना उत्सव के…..?
सब बेकार हो जायेंगा।
आस कहा रहेंगी।
जीवन निरसता से,
निराश हो जायेंगा।।
आईये…..!
एक उल्लास भर कर।
जीवन को,
हम उत्सव बनायें।
जीवन की,
जीवंत महिमा को,
नये -नये उत्सवों से भर जायें।
 स्वरचित रचना
— प्रीति शर्मा “असीम”

प्रीति शर्मा असीम

नालागढ़ ,हिमाचल प्रदेश Email- [email protected]