हाइकु
सपने टूटे
बिखरता इंसान
संभले कैसे?
सपनों का क्या
बनते बिगड़ते
समय चक्र।
खुद सँभलो
टूटते सपनों से,
हौसलों संग।
बिखरोगे तो
सपनों का टूटना
रुक जायेगा?
धैर्य रखिए
परीक्षा की ये घड़ी
बीत जायेेगी।
सपने टूटे
बिखरता इंसान
संभले कैसे?
सपनों का क्या
बनते बिगड़ते
समय चक्र।
खुद सँभलो
टूटते सपनों से,
हौसलों संग।
बिखरोगे तो
सपनों का टूटना
रुक जायेगा?
धैर्य रखिए
परीक्षा की ये घड़ी
बीत जायेेगी।