रत्नसागर
स्वस्थ मन नहीं,
स्वच्छ जल नहीं;
सिर्फ़ हरियाली से
जीवन कैसे जीया जाय ?
हो ‘जियो’ राम !
फेसबुकिया मित्र की शर्त्तें-
“तुम मेरी प्रशंसा करो
मैं तेरी”
और
दिल मिले या न मिले,
लेकिन एक-दूजे का पीठ
जरूर थपथपाओ !
तिलह तिलह बद देवे
हाँ…. देबो !
मेरे ‘ऐतिहासिक’ गाँव के
रत्न यानी नवाबगंज रत्न
कटिहार ज़िले के
एकमात्र ‘जादूगर’
जग्गा जी उर्फ़ मेरे प्यारे भैया
एस. राही जी !
बीबीसी रेडियो का
हिंदी सेवा
अब शायद
बंद होनेवाली है !
यह दुःखदायी खबर है,
क्योंकि मैंने भी
थोड़े समय
बीबीसी के लिए कार्य किया है।