कविता

नारी

इस रिश्ते को निभाने का,
एक प्यारा सा ढंग है,
हर कन्या बचपन में
‘देवी माँ’ का रूप होती है,
फिर बेटी बहन और पत्नी के रूप में
सुख का प्रतिरूप होती है,
मौसी बुआ चाची मामी साली अदि
उसके अनेक रूप हैं,
मुझे तो हर नारी में
एक ‘माँ’के स्वरुप का आभास होता है,
उम्र के अनुसार हर नारी को –
बेटी, बहन या माँ समझ कर –
आदर ,सम्मान और प्यार देना–
यही मेरा ह्रदय से प्रयास होता है,
— जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845