होली है तो क्या, बुरा क्यों न मानूँ ?
‘पेट’ को कभी
छुट्टी नहीं चाहिए
तभी तो इस पेट ने
‘रंगपर्व’ 20-20 में
मालपुवे, खीर,
दहीबड़ा, चाट
और कटहल की
सब्जी को
कई-कई बार
धसेड़ लिया है ।
××××
वह
किसी राजा की
‘रानी’ नहीं हैं,
बावजूद लोग उसे
‘किरानी’ कहते हैं ?
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2 बूँद दवा,
पोलियो हवा!
‘विश्व पोलियोरोधी
दिवस’
10 मार्च पर
पोलियो से
कुप्रभावित
व्यक्तियों के प्रति
संवेदनाएं !
सप्रेम नमन !
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ज्योतिरादित्य
सिंधिया ने
आखिर कह दिया,
तो कह दिया-
जो कबाड़ना है,
कबाड़ लो,
मैं तो सीएम
बनने चला !
सही मानो होली है !
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लगता है,
‘जी’ कहने की
शुरुआत
बंगाल से ही
हुई होगी,
क्योंकि बनर्जी,
मुखर्जी,
चटर्जी वहीं हैं !
टूजी, फोरजी,
एलर्जी, सब्जी को
छोड़कर !