कविता

होली है तो क्या, बुरा क्यों न मानूँ ?

‘पेट’ को कभी
छुट्टी नहीं चाहिए
तभी तो इस पेट ने
‘रंगपर्व’ 20-20 में
मालपुवे, खीर,
दहीबड़ा, चाट
और कटहल की
सब्जी को
कई-कई बार
धसेड़ लिया है ।
××××
वह
किसी राजा की
‘रानी’ नहीं हैं,
बावजूद लोग उसे
‘किरानी’ कहते हैं ?
××××
2 बूँद दवा,
पोलियो हवा!
‘विश्व पोलियोरोधी
दिवस’
10 मार्च पर
पोलियो से
कुप्रभावित
व्यक्तियों के प्रति
संवेदनाएं !
सप्रेम नमन !
××××
ज्योतिरादित्य
सिंधिया ने
आखिर कह दिया,
तो कह दिया-
जो कबाड़ना है,
कबाड़ लो,
मैं तो सीएम
बनने चला !
सही मानो होली है !
××××
लगता है,
‘जी’ कहने की
शुरुआत
बंगाल से ही
हुई होगी,
क्योंकि बनर्जी,
मुखर्जी,
चटर्जी वहीं हैं !
टूजी, फोरजी,
एलर्जी, सब्जी को
छोड़कर !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.