ये नाहक ग़रूर होता है…
ये जो नाहक ग़रूर होता है
एक दिन चूर चूर होता है
हर दुआ और बद्दुआ का असर
याद रखिये ज़रूर होता है
जिसने बर्ताव जो किया, उसके
साथ वैसा हुज़ूर होता है
सच को सच मानने नही देता
ये जो मन का फ़तूर होता है
झूठ की धुंध ढ़क नही सकती
सच पे सूरज सा नूर होता है
ग़लतियाँ कोई भी करे, साबित
मुफ़लिसों का कसूर होता है
उसको चैनो सुकूं नही मिलता
राहे सच से जो दूर होता है
सतीश बंसल
१८.०३.२०२१