कविता

होली

रंग बिरंगे होली आई
खुशियों की सौगातें लाई
कहीं पटाखा कहीं फुलझड़ी
कहीं लोगों की झुंड की टोली।

लाल गुलाल उडे. आसमान
आज ब्रज में मचे धमाल
राधा के संग कृष्णा खेले
देखो ब्रज में खुशियां छाई।

है कितना मनोरम दृश्य
पुए पकवान से थाल सजी
सब मिलजुल कर खुशियां बाटे
प्रेम स्नेह एक रस बांधे।

विजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।