दीगर बात
शशि मंडल सिंह सिन्हा श्रीवास्तव पुरी वर्मा शर्मा खान।
मूल नाम ‘शशि’ ही है, पिता के उपनाम ‘मंडल’ है, माँ के उपनाम ‘सिंह’ है, सिन्हा तो नाना थे, श्रीवास्तव नानी थी, प्रथम पति पुरी जी, दूसरे पति वर्मा जी, तीसरे पति शर्मा जी और चौथे व वर्त्तमान पति खान साहब है।
‘शशि’ महिला है न, इसलिए उन्हें सभी उपनाम ढोने पड़ते हैं ! यह दीगर बात है-
“प्रेम तो आख़िर प्रेम होता है,
चाहे इकतरफ़ा हो, दुतरफा हो;
या पति-पत्नी या वो वाला,
या साहब, बीवी या गुलाम वाला !”
एक दिन शशि मुलाकात होती है और वे अपने नाम के साथ ‘पाल’ उपनाम भी जोड़ना चाहती है ! खैर, अब इन चीजों से निकलते हुए हमें बौद्धिकता में आने हैं….