हाइकु/सेदोका

हाइकु-पिता

पिता का साया
संबल मुश्किल में
हर समय।
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वटवृक्ष है
जब तक पिता है
स्वच्छंद भाव।
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जब तक है
पिता हमारे साथ
हम बच्चे हैं।
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जब समझा
हमने पितृ ताने
खोने के बाद।
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पिता का भाव
समझ आता जब
बनते पिता।
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मूल्य समझो
पिता का तुम सब
सुखी रहोगे।
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दिल न दुखे
पिता का जीवन में
कोशिश करो।
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कल बनोगे
जब तुम भी पिता
याद करोगे।
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पिता है मेरा
सूकून भरा भाव
लगे न डर।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921