बाल कविता

पापड़ 

मुझे भाता तीखा पापड़ 
कुरकुरा,स्वादिष्ट पापड़
दाल चावल संग हो अचार 
साथ हो पापड़ लज्जतदार 
कभी चूर चूर कर डालूं घी 
कभी प्याज,टमाटर,धनिया  
खट्टी मीठी चटनी हो संग 
चाट चाट खाऊं,आये आनंद 
मम्मी कहे खूब खाओ जी भर
जंक फ़ूड नहीं हैं खस्ता पापड़  

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८