नजरिया
हर एक के पास हैं
दो आंखें
दोनों ही देखती हैं पर
जुदा जुदा अंदाज से
किसी को दिखता है सफेद
कोई देखती है स्याह
इन आंखों का क्या दोष
उनका काम तो है देखना
देखना यह है कि
देखने वाले ने क्या देखा
सफेद
यां फिर
स्याह.
हर एक के पास हैं
दो आंखें
दोनों ही देखती हैं पर
जुदा जुदा अंदाज से
किसी को दिखता है सफेद
कोई देखती है स्याह
इन आंखों का क्या दोष
उनका काम तो है देखना
देखना यह है कि
देखने वाले ने क्या देखा
सफेद
यां फिर
स्याह.