लघुकथा

दाल में नमक

दसवीं कक्षा के छात्र विपिन ने ‌अपने दोस्त को बताया कि वह रविवार को कुछ लड़कों के साथ घूमने जाएगा। उसके दोस्त ने पूछा कि क्या उसके घरवालों ने इजाज़त दे दी है। इस पर विपिन ने कहा, “इजाज़त मांगूंगा तो नहीं देंगे। कह दूँगा कि इम्तिहान आने वाले हैं। इसलिए एक्स्ट्रा क्लास है।”
उसके दोस्त ने कहा, “अपने घरवालों से झूठ कहोगे।”
विपिन ने बड़ी शान से कहा, “पापा एक दिन मम्मी से कह रहे थे कि जैसे दाल में नमक ना हो तो अच्छी नहीं लगती है। वैसे ही ‌ज़िंदगी में झूठ ना बोलें तो काम नहीं चलता।”
यह कहकर वह अपनी साइकिल पर सवार होकर चला गया।

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है