पुलवामा और उरी के शहीद
कश्मीर के पुलवामा में गत वर्ष 2019 में 14 फरवरी को 44 से अधिक सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे, उनकी नृशंस हत्या पाकिस्तान ले आतंकवादियों ने कर दी थी। उनकी तीसरी बरसी पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।
ध्यातव्य है, तीस जनवरी को पूज्य बापू महात्मा गाँधी को और तेईस मार्च को सरदार भगत सिंह आदि स्वतन्त्रता सेनानियों की याद कर ही हम अपने को धन्य न समझ बैठे, अपितु राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहीद तिथि को ही ‘शहादत दिवस’ के रूप में हम इतिहास के तमाम शहीदों को स्मरण कर अपने गाँव-जँवार के शहीदों के प्रति श्रद्धाँजलि और उनके परिवार के प्रति कृतज्ञता अर्पित करें, पर यह सिर्फ दिवस’ की तिथिवाले दिन ही नहीं होने चाहिए।
आजकल हम ‘महान इंसानों’ को भूलते जा रहे हैं, महात्मा गांधी के नामभर जान लेने से नहीं होगा, बल्कि उनके ईमानदार व्यक्तित्व और कृतित्व को भी हृदयंगम करना होगा !
क्या हम उरी हमले के शहीदों के नाम जानते हैं ? वह छोड़िये, पटना के ही सात शहीदों के नाम मुँहजबानी तो बताइये। जहाँ तक फ़र्ज़ की बात है, तो उनके सिद्धांत एक फीसदी ही अमल करके तो दिखाइये !