ब्लॉग/परिचर्चा

हमने भी सीखा- 8

 

मुक्तक

हमारा विश्वास है मां और
आशा भी ‘मां’
प्यार शब्द की सबसे उत्तम
परिभाषा है- ‘मां’

मां निर्मल संगीत है,
मां स्नेही मीत है,
मां के दिल को जिसने पहचाना,
उसकी हरदम जीत है.

मां की वजह से दुनिया में शोहरत,
मां की वजह से दुनिया में इज्जत,
हम दुनिया में आए मां की शोहरत,
मां ही है दुनिया में सबसे अनमोल दौलत.

विशाल रंगमंच है यह दुनिया,
हम सब इसके पात्र,
कठपुतलियां नहीं हैं हम,
कर्म हमारा शास्त्र.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244