श्राद्ध वो, जो श्रद्धा से किया जाय
श्राद्ध वो, जो श्रद्धा से किया जाय,
किया अगर महज दिखावे के लिए,
तो श्राद्ध वह दिखावा ही रह जाय,
श्राद्ध वो, जो श्रद्धा से किया जाय.
श्राद्ध पितरों के लिए किया जाता है,
उनकी अनुकृति हैं हम याद दिलाता है,
उनकी याद को अमर किया जाय
श्राद्ध वो, जो श्रद्धा से किया जाय.
बाद मरने के कुछ किया तो क्या किया?
क्या जीते जी उनका सम्मान किया?
उनका सम्मान आशीर्वाद बन जाय,
श्राद्ध वो, जो श्रद्धा से किया जाय.
हर पल हर वस्तु में छाया-छाप है उनकी,
हर पल हर याद में उपस्थिति है उनकी,
उनकी मधुर यादों को और मधुर बनाया जाय,
श्राद्ध वो, जो श्रद्धा से किया जाय.
आंगन-औसारे गूंजती प्रतिध्वनि उनकी,
मिले संस्कारों में झलक मिलती है उनकी,
श्रद्धा से अर्पण करें, तर्पण करें मन लाय,
श्राद्ध वो, जो श्रद्धा से किया जाय.