मुक्तक/दोहा

मुक्तक

इस दीवाली रोशनी का बोलबाला चाहिए ।।
सबके घर मे सबकी छत पर दीपमाला चाहिए ।।
दीप मेरे हाथ मे हो या तुम्हारे हाथ मे ।
फर्क क्या पड़ता है दुनिया को उजाला चाहिए ।।
— समीर द्विवेदी नितान्त

समीर द्विवेदी नितान्त

कन्नौज, उत्तर प्रदेश