कविता

मक्कारी से हो सावधान

मत कर बिटिया तुम मनमानी
जन्मदाता की बढ़ जाती परेशानी
इश्क मोहब्बत सब है      बेकार
मत भूलो अपना तुम संस्कार
बनना है तुम्हें परिवार संस्कारी
नाम बदल कर घूमता है मक्कारी
प्रेम की जादू डाल बनता चितचोर
टुकड़े में तन करना जिनका है ठौर
माता पिता तुमको है जतन से पाला
मत  बन भेड़िये का तुम   निवाला
भाई पति तेरा है सुरक्षा  रखवाला
अधर्म से मत खेल दिल जिनका काला
अधर्म का हो रहा है यहॉ पर खेल
जाति छुपा करता है प्रेम का  मेल
चल पड़ा है चलन लव जेहाद
हिन्दू बेटियाँ हो रही है बरबाद
मक्कारी है जिनका खिलौना
भेड़िये की बातों में कभी ना आना
धर्म परिवर्तन का चला है अभियान
शर्मसार हो रही है हमारा हिन्दूस्तान
मककारों से रहना सावधान
सनातन धर्म है विश्व में महान
खोटा ना कर किस्मत की जहान
मिलता रहे तुम्हें देवी का सम्मान
जागो जागो देश की सब नारी
धोखा घड़ी से बचना तुँ प्यारी
चालबाज से रहना सावधान
सर ना झुकाना देश है महान

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088