कोई न छल दे
क्यों करती हो? भरोसा इन पापियों पर बोलो!
कोई ना न छल दे! तुझको ऐसी नजर से तोलो!
कब थमेगी? यह कहानी जो बना अभिशाप है!
प्रेम को बदनाम करके कर रहे जो पाप हैं|
संस्कारों को भुलाकर भूलकर परिवार को|
भूल जाते क्यों बताओ? मां पिता के प्यार को|
जिंदगी के इस सफर में यूं जहर ना घोलो!
कोई न छल दे तुझको ऐसी नजर से तोलो!||1||
जन्म देकर के सवारी है तुम्हारी जिंदगी|
महक जाएगा यह जीवन जब करोगे बंदगी|
स्वर्ग को क्यों छोड़ कर तुम नर्क जाना चाहते|
जिंदगी अनमोल इसको क्यों मिटाना चाहते|
गैर की खातिर कभी मां बाप को ना भूलो|
कोई ना छल दे तुझको ऐसी नजर से तोलो ||2||
प्रेम क्या होता है? पहले ठीक से ए जान लो!
उच्चतम आदर्श राधा कृष्ण को तुम मान लो!
प्रेम करने वाला कोई ना मिटाएगा तुम्हें
“रीत” कहती मर्यादा के साथ चाहेगा तुम्हें |
मर्यादा और त्याग, समर्पण ,संस्कार ना भूलो!
कोई ना छल दे तुझको ऐसी नजर से तोलो!||3||