रोटी पर क्षणिकाएं
रोटी
अजब नज़ारा/
गरीब को…
न वक्त पे रोटी/
अमीर को…
न रोटी को वक्त
अब बतलाओ …
कौन बेचारा?
****** 2 *****
भूख, गरीबी
और उत्पीड़न,
“रोटी” से जुड़े/
मुद्दे तो हैं… पर छुपाए जाते हैं !
सत्ता के शतरंजी खेल में अक्सर/
नए मुद्दे बनाए जाते हैं ! !
******** 3********
गरीबी उन्मूलन पर/
लगानी थी प्रदर्शनी/
और…
गरीब माडल/
“रोटी” को तरसा!
अंजु गुप्ता ✍🏻