क्षणिका

रोटी पर क्षणिकाएं

रोटी

अजब नज़ारा/
गरीब को…
न वक्त पे रोटी/
अमीर को…
न रोटी को वक्त
अब बतलाओ …
कौन बेचारा?

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भूख, गरीबी
और उत्पीड़न,
“रोटी” से जुड़े/
मुद्दे तो हैं… पर छुपाए जाते हैं !
सत्ता के शतरंजी खेल में अक्सर/
नए मुद्दे बनाए जाते हैं ! !

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गरीबी उन्मूलन पर/
लगानी थी प्रदर्शनी/
और…
गरीब माडल/
“रोटी” को तरसा!

अंजु गुप्ता ✍🏻

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed