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मुक्तक
लज्जा पुरूषों का गहना, आज समझ में आता है, नग्न वेश में कोई पुरुष, सबके सम्मुख नहीं आता है। अर्धनग्न नारी घुमें, नहीं लज्जा को कोई भान उन्हें, फिर भी निर्लज्जता का दोषी, पुरूष ही कहलाता है। मर्यादा में रहते हमने, अक्सर पुरूषों को देखा है, कष्ट पड़ा तो साथ निभाते, हमने ग़ैरों को देखा […]
नीतीश बिहार
जिनका अपने ही घर में आधार नहीं है दो के पक्ष में, चार से सरोकार नहीं है। विश्व समुदाय एकजुट करने की बात, जिनका बच्चों पर भी अधिकार नहीं है। सीट एक है जिसके दावेदार दस, हम तुमसे बेहतर तू को बस कर। ममता राहुल केसीआर नीतीश सुनो, शरद पंवार कर रहा दावा कल कर। […]
युवाशक्ति के दोहे
युवाशक्ति को है नमन्,जो रचती इतिहास। हो हिमगिरि-सा दृढ़ युवा,ऊँचा ज्यों आकाश।। युवा उठे तो हो सृजन,विचले तो विध्वंस। युवा विवेकानंद है,है मानस का हंस।। तूफ़ानों को जीतकर,ला दे नवल विहान। युवा सदा गतिशील है,है वह मंगलगान। भगतसिंह,सुखदेव है,युवा लगे ‘आज़ाद’। हर बाधा से लड़ करे,युवा वतन आबाद।। युवा जोश का नाम है,रखता नित विश्वास। […]