मुक्तक/दोहा

दोहे

ठीक कहा सबने सदा,ये है बहुत खराब
जो तिहाड़ ले कर चली,वो है दुष्ट शराब
बरबादी की राह का, ये करती आगाज,
मन्त्री हो या सन्तरी,करती नही लिहाज
कर देती है खोखला,कुछ भी बचे न शेष
इस लायक छोड़े नही,दिखा सको जो फेस
महंगी ये पड़ती बहुत,रोक सके तो रोक
रहे कहीं का भी नही, जिसे लगा ये शौक
पहले ये आनन्द दे,फिर करती है नाश
कोई न बच पायेगा, घिरे जो बाहुपाश
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त