दर्द ज़िन्दगी के जैसे – दिखाए नहीं दिखते
ग़म ज़िन्दगी के भी – छुपाए नहीं छुपते
मैहफ़िल में मुस्कराना- पडता है लबों से
अफ़साने प्यार के कभी भी – भुलाए नहीं भूलते
ज़रूरत दवा की होती – नही है दिल के मरीज़ को
मुआमले दिलों के – सुलझाए नहीं हैं सुलझते
एक पैमाना ही बदल देता है – मैख़ाने के माहोल को
मिल बैठकर पीने वाले – आपस में नहीं उलझते
ज़िन्दगी तो सिलसला है – जज़्बातों का दुनया में
रोज़ ओ शब यूं ही तो – अज़ाब बन नहीं जाते
दिल दे दिया हम ने तो – मांगा जिसने भी हम से
तलाश में किसी की भी हम – यूं ही चल नहीं देते
लगाना नुक्तों का ज़रूरी है – लफ़्ज़ों की तैहरीर में मदन
लफ़्ज़ों की तैहरीर से शेयर – यूं ही तो बन नहीं जाते
इन्तेख़ाब अच्छे लफ़्ज़ों का – ज़रूरी है ग़ज़ल के लिये
अच्छी ग़ज़ल शायर यूं ही – तो लिख नहीं देते