सामाजिक

प्यार, दोस्ती और धोखा का संबंध

दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो दो लोगों को एक दूसरे के करीब लाता है। इस रिश्ते में विश्वास, समझदारी, साझेदारी और समर्थन की भावना होती है। यह एक ऐसा रिश्ता है जो जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है। एक सच्चा दोस्त हमारे साथ हमारी खुशियों और दुखों का सामना करता है, हमें समझता है, हमारी मदद करता है और हमेशा हमारे साथ रहता है।इसलिए दोस्ती में हमेशा समझदारी बरतनी चाहिए और अपने दोस्तों पर विश्वास करना चाहिए । अगर कोई समस्या होती है तो समझौते के रास्ते से हल निकालना चाहिए। दोस्ती का रिश्ता एक लम्बी यात्रा होती है, इसलिए उसे संभाल कर रखना चाहिए।
 
आपको अपने दोस्त के साथ खुले तौर पर वार्तालाप करना चाहिए और उनसे यह पूछना चाहिए कि वे आपसे क्या उम्मीद करते हैं और आपको उनकी उम्मीदों को पूरा करने के लिए क्या करना होगा। यदि आप अपने दोस्त को माफ करने के लिए तैयार हैं, तो आप अपनी दोस्ती को दोबारा बनाने के लिए कोशिश कर सकते हैं।
 
प्यार एक ऐसी भावना है जो दो व्यक्तियों के बीच के विश्वास से जुड़ी होती है। यह अद्भुत  अनुभव कराता है जो आत्मिकहोते हुए भी शारीरिक आकर्षण से भरा होता है। इसमें आपसी विश्वास, समझदारी, आदर, भरोसा, सहानुभूति, समर्पण और सम्मान जैसी भावनाएँ शामिल होती हैं। प्यार की अहमियत यह है कि यह दोनों व्यक्तियों के बीच एक गहरा संबंध बनाता है जो समय के साथ बढ़ता है और उन्हें एक दूसरे के साथ अधिक समृद्ध और खुशहाल बनाता है। यह ऐसी भावना है जो व्यक्ति के दिल में उत्पन्न होता है। इसे जीवन का सबसे अनुपम अनुभव माना जाता है जो हमें खुशी और संतुष्टि का एहसास कराता है। 
 
धोखा एक ऐसी स्थिति होती है जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को झूठा या धोखेबाज साबित करता है। इसमें विश्वासघात शामिल होता है। धोखा देना या धोखा खाना दोनों ही बहुत दुखद होता है क्योंकि यह दूसरों के प्रति हमारे विश्वास को नष्ट कर देता है। धोखा देने वाले व्यक्ति को उसके कारणों और परिणामों का विचार करना चाहिए कि उसका घातक दुष्प्रभाव दूसरे के जीवन पर पड़ेगा। धोखा खाने वाले व्यक्ति को शांति और समझौते की तलाश करनी चाहिए ताकि वह इस स्थिति से निकल सके और अपना जीवन आगे बढ़ा सके। धोखेबाज व्यक्ति वह होता है जो दूसरों को बेवकूफ बनाता है और उनसे विश्वासघात करता है। धोखेबाज लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को फ़ँसाते हैं और उनका फायदा उठाते हैं। 
 
धोखेबाज़ व्यक्ति के साथ संबंध बनाने से पहले समझदारी से काम लेना चाहिए। धोखेबाज़ लोगों से दूर रहना चाहिए और उनसे संबंध बनाने से बचना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को धोखा दिया गया है, तो उसे अपनी बुराई के लिए दोषी नहीं मानना चाहिए। वह इस स्थिति से निकल सकता है और एक बेहतर जीवन की ओर अग्रसर हो सकता है। धोखेबाज व्यक्ति से संबंध बनाने के बजाय आप एक अहम बात याद रखें कि दूसरों के चरित्र और व्यवहार का मूल्यांकन करने में देरी ना करे ।

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - [email protected]