/ सत्य की खोज़ में…. /
फैलें दुनिया में निर्मल संघ
सत्य की खोज़ें जारी रहें
अंगुली मालों को बदलने की शक्ति
हर बुद्ध के अधीन में आ जावें
निकलें हर दिल से सुख विचार
शांति दें संसार को सत्संग
विहार, मंटप हों जहाँ-तहाँ
मिले लोग एक दूजे मित्रवत
साधना के बगैर निकले कहाँ
सुविचार, भाईचारे का भरमार
खुले आसमान हो जहाँ मन
होता नहीं वहाँ कोई दुष्चिंतन
इंसानों के बीच अरमानों का उलझन,
असफल हैं हम मानव के इस जग में
सुख – शांति के साथ जीने में यहाँ,
अस्पष्ट है जिंदगी, न कोई निर्दिष्ट अर्थ
कभी सच है तो कभी झूठ है यह जिंदगी
अपने आपको छिपाकर चलना
सबसे बड़ी तरीका बन गयी, बुद्धिमानों की,
जाल बिछाकर अहाय जनता को
अपना अधीन लेने में सक्षम बनने लगे
अधिकार का दाह, आधिपत्य का मोह
रुकने का नाम नहीं लेता यही सत्य है।