पर्यावरणीय ग़ज़ल
लक्ष्य सरकार का पुराना है।
स्वच्छ वातावरण बनाना है।
हम सभी का यही निशाना है।
साथ मिलकर जहां बचाना है।
ध्येय रख ये बशर चले जो भी,
साथ उसके खड़ा ज़माना है।
जल्दबाज़ी से काम सब बिगड़ें,
धैर्य अपना ही आज़माना है।
साफ़ सुथरी जगह रखो हरदम,
ख़ुद जहां अपना आशियाना है।
हाथ से हाथ जोड़ कर बढ़िये ,
साथ मिलकर जहां सजाना है।
स्वस्थ काया हमीद जिसकी भी,
पास उसके बड़ा ख़जाना है।
— हमीद कानपुरी