कुंठा दी है ताव दिया है
कुंठा दी है ताव दिया है
कटुता ने पथराव दिया है
मानवता को धर्मो ने ही
सबसे गहरा घाव दिया है
तर्क विहीन बहस ने अक्सर
वैचारिक भटकाव दिया है
चिंतन ने उद्वेलित मन की
भटकन को ठहराव दिया है
छद्मीयत ने मानवता को
अक्सर घोर तनाव दिया है
हद से ज़्यादा नजदीकी ने
रिश्तों को अलगाव दिया है
उसने ही दुत्कारा बंसल
जिसको ज़्यादा भाव दिया है
— सतीश बंसल
०८.०७.२०२३