मौन
दर्द मौन हो जाए जब
वाणी से हो जाए शून्य
बड़ा मारक हो जाता है
लोग समझते है शायद
सब ठीक चल रहा है
जबकि अंदर अंदर
राख के ढेर में
सुलग रही होती चिंगारी है
ऐसी चिंगारी
जो सृजन कर सकती है
विध्वंस भी
संवर जाए यां
बिखर जाएं
कुछ भी संभव हो जाए
संवर जाए तो
एक नया अवतरण
बिखर जाएं तो विनाश