इंतजार
शाम का वो दिलकश नज़ारा
आप के आने का इशारा ।
नदी का खूबसूरत किनारा
उस पर इन्द्रधनुषी छटा का बिखरना ।
चांद का बदली से झांकना
सितारों का रह-रह कर टिमटिमाना ।
हवाओं का मदमस्त झोंका
रजनीगंधा की खुशबू का हवा में लहराना ।
सुरमई शाम का रात के आगोश जाना
जहान का सुकुन भरी नींद में सोना।
लेकिन आपके आने के इंतजार में
सूनी राहों को तकते रहना ।
— विभा कुमारी “नीरजा”