कविता

इंतजार

शाम का  वो दिलकश नज़ारा

आप के आने का इशारा ।

नदी का खूबसूरत किनारा

उस पर इन्द्रधनुषी छटा का बिखरना ।

चांद का बदली से झांकना

सितारों का रह-रह कर टिमटिमाना ।

हवाओं का मदमस्त झोंका

रजनीगंधा की खुशबू का हवा में लहराना ।

सुरमई शाम का रात के आगोश जाना

जहान का सुकुन भरी नींद में सोना।

लेकिन आपके आने के इंतजार में

सूनी राहों को तकते रहना ।

 — ‌‌विभा कुमारी “नीरजा”

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P