कविता – दीपों का त्यौहार
मन के अंधरे को मिटाकर ज्ञान का दीप जलाएं
मिट जाए दिल से सब नफरत प्रेम का भाव जगाएं
खुशी से हो भरा जीवन ऐसा आत्मविश्वास जगाएं
सब दुख,दर्द मिट जाए प्रभु को भक्ति में रम जाएं
सच ,झूठ का भेद देख सच का हमेशा आईना दिखाएं
दीपक तो प्रकाश करता मन के तृष्णा को मिटाएं
दीपों का त्यौहार दीपावली खुशियों वाली दीवाली मनाएं
दीपावली का त्यौहार सब मिलकर मनाओ
दीप से दीप जलाकर सब जगह प्रकाश फैलाएं
किसी के उदास चेहरे पर मीठी सी मुस्कान लाएं
सुख,सम्रद्धि का लक्ष्मी से वरदान पाएं
मन में हो सबके प्रेम भावना ऐसा एक दीपक जलाएं
बम पटाखों का न करें उपयोग पर्यावरण को बचाएं
देश की संस्कृति को बच्चों को अवगत कराएं
एक दीपक शहीद हुए वीरों के नाम का भी जलाएं
शांति,सद्भावना से प्रकाश के पर्व को मनाएं
सब शिकवे ,शिकायत भूल कर खुशियों की दीवाली मनाएं
आओ हम सब मिलकर दीपावली मनाएं