गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल


खुशियों के मौसम में लगती, मायूसी सी छाई है।
पेशानी पर बल हैं सबके ,कमरतोड़ महँगाई है।।

टँगी अलगनी पर कोने में, सिकुड़ रही है ठंडक से,
सुधि लेने की रोज शिकायत,करती फटी रजाई है।

हाथों में डिग्री की फाइल,लेकर दिखा रहे सबको,
काम तलाशी करने में ही ,भटक रही तरुणाई है।

बहा ले गई बाढ़ भले ही,खड़ी फसल सब खेतों की,
सोच रहा है कृषक खेत में , करनी पुनः बुवाई है।

सही ग़लत का फर्क बताना,उनको लगता लफ्फाजी,
जिनको यश का साधन केवल,दुनिया में रुसवाई है।

बाँट रहा वह खाना, पानी, कंबल, तंबू लोगों को,
बस्ती में वोटों की खातिर ,जिसने आग लगाई है।

पूछे कौन हाल बेटे का ,बाहर से घर आने पर,
नहीं रही माँ घर पर अब तो,करती राज लुगाई है।

डाॅ बिपिन पाण्डेय

डॉ. बिपिन पाण्डेय

जन्म तिथि: 31/08/1967 पिता का नाम: जगन्नाथ प्रसाद पाण्डेय माता का नाम: कृष्णादेवी पाण्डेय शिक्षा: एम ए, एल टी, पी-एच डी ( हिंदी) स्थाई पता : ग्राम - रघुनाथपुर ( ऐनी) पो - ब्रह्मावली ( औरंगाबाद) जनपद- सीतापुर ( उ प्र ) 261403 रचनाएँ (संपादित): दोहा संगम (दोहा संकलन), तुहिन कण (दोहा संकलन), समकालीन कुंडलिया (कुंडलिया संकलन), इक्कीसवीं सदी की कुंडलियाँ (कुंडलिया संकलन) मौलिक- स्वांतः सुखाय (दोहा संग्रह), शब्दों का अनुनाद (कुंडलिया संग्रह), अनुबंधों की नाव (गीतिका संग्रह), अंतस् में रस घोले ( कहमुकरी संग्रह), बेनी प्रवीन:जीवन और काव्य (शोध ग्रंथ), मंथन का निष्कर्ष ( कुंडलिया संग्रह) साझा संकलन- कुंडलिनी लोक, करो रक्त का दान, दोहों के सौ रंग,भाग-2, समकालीन मुकरियाँ ,ओ पिता!, हलधर के हालात, उर्वी, विवेकामृत-2023,उंगली कंधा बाजू गोदी, आधुनिक मुकरियाँ, राघव शतक, हिंदी ग़ज़ल के साक्षी, समकालीन कुंडलिया शतक, समकालीन दोहा शतक और अनेकानेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन। पुरस्कार: दोहा शिरोमणि सम्मान, मुक्तक शिरोमणि सम्मान, कुंडलिनी रत्न सम्मान, काव्य रंगोली साहित्य भूषण सम्मान, साहित्यदीप वाचस्पति सम्मान, लघुकथा रत्न सम्मान, आचार्य वामन सम्मान चलभाष : 9412956529