वीरान का वीरान
उनसे मिलने लगे जब अपने रास्ते
उसने अपना आशियां बदल लिया ।
गिला जब किया अपने आंसुओं का
उसने दामन अपना झटक दिया ।
उम्र भर किया जिसका इंतजार
वो किसी और का हो लिया ।
आपने दर्द का बयान किससे करें
जो हमदर्द था वही जख्म हरा कर गया ।
बहुत चाहा तेरे प्यार से अपना घर सजाना
लेकिन मेरा घर वीरान का वीरान रह गया ।
— विभा कुमारी नीरजा