बाल कहानी : मैकू और मोलिना
“ओह गॉड ! तो तुम घर पर ही हो। मैंने तुम्हें कहाँ–कहाँ नहीं ढूँढा; और तुम घर में घुसी हुई हो। वाह ! बगल में छोरा गाँव भर ढिंढोरा।” मैकू मुर्गा अपनी गर्लफ्रेंड मोलिना मुर्गी को अपनी चोंच से पुचकारते हुए बोला। मोलिना एकदम चुप थी ।
“क्या हुआ मोलिना डार्लिंग, कुछ तो बोलो। चलो न घूमने चलते हैं।” मोलिना की चुप्पी मैकू से रहा नहीं गया; आखिर मैकू रोमांटिक मूड में जो था।
मोलिना चिड़चिड़ाती हुई बोली- “अरे यार मैकू मैं यहाँ बहुत परेशान हूँ; और तुम्हें रोमांस की पड़ी है।
“क्यों, क्या हुआ मोलिना ?” मैकू मोलिना के और करीब गया।
“मैकू, मुझे बहुत घबराहट महसूस हो रही है। पता नहीं, क्या होने वाला है ?” कहते-कहते मोलिना फिर चुप हो गयी।
“तुम क्या बोल रही हो मोलिना, मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है ? अब चलो आज हमें जंगल जाना है। जल्दी से समान पैक करो। हमें देर हो रही है।” मैकू बोला।
“हाँ..हाँ..चलो।” मोलिना समान पैक करने में लग गयी। फिर दोनों जंगल को रवाना हुए।
मैकू और मोलिना कबूतर, कोयल, मोर व अपने अन्य वन्य पक्षियों से मिले। वे सभी इस बात से खुश थे कि इस बार नव वर्ष के दिन मैकू और मोलिना की शादी होगी।
“खुशी दुगुनी होने वाली है।” हिनू टिटहरी आँखें मटकाती हुई बोली।
हाँ…हाँ…. क्यों नहीं, हमारे मैकू और मोलिना की जोड़ी तो स्वर्ग से बन कर आई है।” मोलिना को छेड़ते हुए सभी पक्षियाँ हँसने लगे।
फिर भक्कू कठफोड़वा ने अपनी बात रखी कि जब तक मैकू और मोलिना की शादी नहीं हो जाती, तब तक हम सभी साथ में रहेंगे। कोई जंगल से बाहर नहीं जायेगा।” सब ने भक्कू की बात पर हामी भरी।
तीस दिसंबर की रात आई। सब को पता चल गया कि दो आदमी जंगल में घुस कर एक बैकू बटेर का अपहरण कर लिया। दूसरे दिन पूरे जंगल में सन्नाटा छा गया। पर आदमियों की इस हरकत से जानवरों का खून भी खौल उठा। मोलिना मैकू से बोली- “तुम उस दिन पूछ रहे थे न कि मैं क्यों घबराई हुई थी। बस यही कारण है कि आज बैकू बटेर गायब हो गया; और अब पता नहीं कल किसकी बारी है। मोलिना की बात से सभी सहमत थे। बोले – “मोलिना बिल्कुल सच कह रही है। कल कहीं हमारी बारी तो नहीं ? ये आदमी भी कितने बेरहम होते हैं न। अपनी खुशियों के लिए हमें मार कर खा जाते हैं, मानो सिर्फ इन्ही लोगों के लिए ही नव वर्ष आता हैं। लगता है, हम कुछ भी नहीं हैं इनके लिए।” मोलिना सुबक ही रही थी- “मैकू हमारी शादी को सिर्फ एक दिन बचा है, पता नहीं मैं कल रहूँगी या नहीं। मुझे तुमसे अलग नहीं होना है। मैं तुमसे बहुत प्रेम करती हूँ मैकू।” मोलिना मैकू से लिपट गई। सभी पक्षियों की आँखें भर आई। मीनू मैना ने ढाँढस बँधाते हुए मोलिना को समझाने लगी- “नहीं मोलिना, ऐसा कुछ भी नहीं होगा। हम सब साथ हैं तुम दोनों के। तुम दोनों की शादी धूमधाम से होगी। इस बार ये आदमी कुछ नहीं बिगाड़ पाएँगे, क्यों साथियों सच हैं ना…?”
“हाँ..हाँ…बिल्कुल। चलो अब शादी की तैयारी करते हैं।” सभी पक्षी अपने-अपने काम पर लग गये।
मोलिना अपनी जाति के पक्षियों में सबसे सुंदर थी ही। इसलिए सभी के मन में डर बैठ गया कि कहीं आदमियों की नजर उस पर न पड़ जाए। इसी चिंता में इकतीस दिसंबर की रात कोई सो नहीं पाया।
दूसरे दिन सुबह बिन्नी गिद्ध और उसके साथी वहाँ पहुँचे। बिन्नी बोला- “अरे…इतना सन्नाटा क्यों हैं भाई ? आज तो मैकू और मोलिना की शादी है ना। गीत-संगीत कुछ भी नहीं हो रहा है। नाच–गाना है कि नहीं….?” पंकू पंडूक ने बिन्नी को सारी बातें बताई। बिन्नी बोला- “बस इतनी सी बात पर तुम सब डर गए ?” तुम में साहस नहीं है क्या ? मैकू और मोलिना हमारे परिवार का हिस्सा हैं। इनकी रक्षा करना हमारा फर्ज है। इस बार हम नव वर्ष मनाएँगे। इन दोनों की शादी भी होगी। पार्टी का भी आयोजन होगा। तुम लोग चिंता मत करो। मैं आप सबको आश्वस्त करता हूँ कि मेरे साथी आप सब की रक्षा करेंगे। आदमी हमारी खुशी और एकता नहीं डिगा सकेंगे। इस बार तो आदमियों को मजा चखाना ही होगा। याद दिलाना ही पड़ेगा कि नव वर्ष और खुशियाँ सिर्फ उनके ही लिए नहीं आते। अगर उनके परिवार उनसे अलग होंगे तो कैसा लगता है, महसूस तो कराना ही पड़ेगा।” बिन्नी गिद्ध की बातें सुन पक्षियों में खुशी का ठिकाना ही न रहा। वे झूमने लगे। शादी की तैयारी जोर पकड़ने लगी।
फिर बिन्नी और उनके साथियों ने आदमियों को सबक सिखाने के लिए कमर कस ली। तभी उन्होंने चार–पाँच आदमियों को जंगल की ओर आते हुए देख भी लिया। घात लगाये बैठे बिन्नी अपने साथियों सहित जंगल में घुसने से पहले ही उन पर टूट पड़े। हमला इतना जबरदस्त था कि उन्होंने आदमियों का कचूमर निकाल दिया। आज बिन्नी और उनके साथियों ने आदमियों को अवगत करा दिया कि पक्षियों में भी कितनी एकता व प्रेम होता है। अपने दम पर जीने की औकात रखते हैं।
मैकू और मोलिना की शादी सम्पन्न हुई। सारे पक्षियों ने खूब इन्जवॉय किया।
— प्रिया देवांगन “प्रियू”