कविता

जय श्री राम!

सियाराम प्रभु पधारेंगे पुनीत अयोध्या धाम में,

रूमक-झुमक खुशियां झूमेगी हर दिल में।। 

वन्दनवार, दीपमालाएं सजेगी घर-घर में,

श्री राम प्रतिष्ठित होंगे पावन मन्दिर में।।

गायेंगे मंगलगान, जगमग चहुँ ओर होगी,

भक्ति की भाव गंगा, हर दिल में बहेगी।।

दुराचारी होगा व्याकुल, सत्य मुस्कुराएगा,

पग-पग धर्म-पुष्प खिलेंगे, अधर्म मिटेगा।।

श्री राम मंदिर का स्वप्न सुहाना साकार होगा,

पावन, संस्कारी, भक्ति भाव गुणगान होगा।।

देवी सिया, लक्ष्मण, हनुमान जी संग आएंगे,

मर्यादा पुरुषोत्तम धर्मध्वजा शान से फहराएंगे।।

श्री राम जयकारा देश-विदेश में गूंजेगा,

वन्दन प्रभु चरणों में, राम हमारा उद्धार करेंगे।।

चलो अयोध्या, दर्शन को हिय तरस रहा हैं,

“जय श्रीराम” गूँजन से चहक-महक रहा हैं।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८