अनुशासन
बिन अनुशासन अधूरा जीवन,
जीवन के जीने की कला सिखाता है
हम समाज, परिवार में कैसे रहें,
यह सब हमको सिखलाता है
बच्चों को अनुशासन सिखाकर,
उनको अच्छे बुरे की पहचान कराता है
प्रेम से आपस में मिलजुलकर रहें,
जीवन के रास्तों पर चलना सिखाता है
अनुशासन के बिना मानव पशु कहलाता,
अनुशासन में धरा, प्रकृति भी चलते है
अनुशासन से सब काम होते,
जीवन सबका उत्तम बन जाता है.[….]
— पूनम गुप्ता