गीत/नवगीत

गीत : खुदा मेरे क्यों है खफा तू …

टूटा है दिल मेरा, झूठा है सपना

खामोश क्यों है जुबां, कहता है मन मेरा

बता दे ए-खुदा, मिलेगी वो कहाँ

ढूँढता मैं उसे, दरबदर फिरता हुआ

खुदा मेरे क्यों है खफा तू

खुदा मेरे क्यों है खफा तू

जाने कैसी मजबूरियां आ गयीं

इश्क था मुझसे, फिर दूरियां क्यों हो गयी

ढूँढकर मैं लाऊँगा, छिपी हो वो जहाँ

खुदा मेरे क्यों है खफा तू

खुदा मेरे क्यों है खफा तू

नींदे उड़ गयीँ, अंधेरी रांतो में

रोता हूँ रातभर, अनकही बातों में

न जाने कौन सी, घड़ी है आ गयी

मेरी उम्मीद को, जो है दबा गयी

ले-ले तू मेरी जाँ, मौत से डरता नहीं

कर दे मुराद पूरी, दे-दे वफा मेरी

दे-दे वफा मेरी

खुदा मेरे क्यों है खफा तू

खुदा मेरे क्यों है खफा तू