दिल का चैन अंखियों की नींद…
दिल का चैन अंखियों की नींद ले गया कोई।
बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई॥
धडकनें रुकी रुकी हैं सांसे मंद मंद है
जब से वो गया है मेरे दिल में एक द्वंद है॥
प्यार के बहाने दिल को दर्द दे गया कोई..
बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई…
आईने में खुद को देखूं आता है वो ही नज़र।
बे हवास भागता है मन मेरा ईधर उधर॥
इश्क में ये आहें ठंड़ी ठंड़ी दे गया कोई …
बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई…
पूछने लगी हैं सखियां उनको क्या जवाब दूं।
बेकरार धड़कनों का किस तरहा हिसाब दूं॥
दिल मेरा गुलाब की मानिन्द ले गया कोई…
बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई….
वो ही वो है बस वही है और कोई कुछ नही।
उसके बिना ज़िन्दगी में ज़िन्दगानी कुछ नही॥
मुझको सपनों की कटी पतंग दे गया कोई…
बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई…..
सतीश बंसल
वाह !
शुक्रिया विजय जी..