अदा से क्या जादू कर रहे हो…
अदा से क्या जादू कर रहे हो, नज़र से दिल में उतर रहे हो।
निगाहें तुम पर रुकी हुई है, जिगर से मेरे गुजर रहे हो॥
जवां है हम भी जवां हो तुम भी, चलो नयी दास्तां कुछ बनाये।
करीब थोडा सा तुम भी आओ, करीब थोडा सा हम भी आये॥
नज़र से मेरी नज़र मिलाओ, करो हौसला क्यूं डर रहे हो….
निगाहें तुम पर रुकी हुई है, जिगर से मेरे गुजर रहे हो…..
अभी अभी तो मिले हो हमसे,सितम अभी से न इतना ढाओ।
इश्क पे मेरे करो भरोसा, वफ़ा को मेरी न आजमाओ॥
जरा सुनो तो मेरी धडकने, क्यूं अनसुना इनको कर रहे हो….
निगाहें तुम पर रुकी हुई है, जिग़र से मेरे गुजर रहे हो…..
हो प्यार पहली नज़र का मेरी, भुलाना मुमकिन नही है तुमको।
बसी है तस्वीर जो ज़िगर में, हटाना मुमकिन नही है उसको॥
तुम्हे ये शायद पता नही है, सितम क्या तुम हम पे कर रहे हो…..
निगाहें तुम पर रुकी हुई है, ज़िगर से मेरे गुजर रहे हो…..
मेरे प्यार को न आम समझो, मेरी मोहब्बत जुदा है सबसे।
हर इक जन्म तुम रहोगे मेरे, वादा लिया है खुदा से रब से॥
तुम्हे भी चाहत तो है हमारी, क्यूं जाने कहने से डर रहे हो….
निगाहें तुम पर रुकी हुई है, जिगर से मेरे गुजर रहे हो…
सतीश बंसल
बंसल साहब! सुन्दर गीत , मेरे प्यार को न आम समझो, सुन्दर पंक्तियाँ
बहुत शानदार गीत !