धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विशेष सदाबहार कैलेंडर-146

1.नव प्रात लिए, नव आस लिए,
नव वर्ष का नव सोपान है,
नव प्रीत लिए, नव भाव लिए,
पुरातन का अवसान है,
नव वर्ष का आया नया विहान है.

2.वसुधा के कण-कण तृण-तृण में,
सूरज चंदा नीलगगन में,
नदिया पर्वत और पवन में,
कोटि-कोटि जन के तन-मन में,
सिमटी उस विराट शक्ति को,
मन-मंदिर में सदा बसाओ,
नेह-से-नेह उपजाओ,
नया वर्ष मनाओ, नया वर्ष मनाओ.

3.नये साल मे नये रंग,
हर दिल मे भर दे उमंग.
मिल-जुलकर रहें प्यार से,
सदा रहे हम संग-संग.

4.एक विचार हो, एक आचार हो,
सबके साथ स्नेहमय व्यवहार हो,
सबका बस एक ख्वाब हो,
सबको अपने देश से प्यार हो.

5.नए वर्ष में नई पहल हो,
कठिन जिंदगी और सरल हो.
अनसुलझी जो रही पहेली,
अब शायद उसका भी हल हो,.
जो चलता है वक्त देखकर,
आगे चलकर वही सफल हो.
नए वर्ष का उगता सूरज,
सबके लिए सुनहरा पल हो.
समय हमारा साथ सदा दे,
कुछ ऐसी आगे हलचल हो.
सुख के चौक पुरें हर द्वारे,
सुखमय आनंद का हर पल हो.
नए वर्ष में नई पहल हो,
कठिन जिंदगी और सरल हो.

6.कैलेंडर की तारीखें आती हैं चली जाती हैं
कभी कुछ खट्टी कभी कुछ मीठी यादें दे जाती हैं
लेकिन सदाबहार कैलेंडर की पंक्तियां और अनमोल उक्तियां
जीवन की जिजीविषा और सृजनशक्ति बढ़ा जाती हैं.

7.नए साल में बनी रहे सबकी सकारात्मक ऊर्जा,
चलता रहे आपकी खुशियों का सुहाना सफर,
रहे सदा चहकती-महकती, सिखाती-राह दिखाती,
आपकी पैनी कलम और सकारात्मक नजर.

8.जो बीत गया उसे जानें दें,
दस्तक देने को जो आतुर हैं,
उन ख़ुशियों को अंदर आने दें,
जो क़ैद हैं बंद मुट्ठी में जुगनू,
आज़ाद कर उनको जगमगाने दें.

9.पुस्तक या रचना में लेखक की आत्मा निवास करती है,
पुस्तक या रचना का सम्मान लेखक का सम्मान है.

10.कोई सहलाए-न-सहलाए खुद को सहलाओ,
कोई बहलाए-न-बहलाए खुद को बहलाओ,
कोई ‘नया साल मुबारक हो’ कहने आए-न-आए,
खुद को ही ‘नया साल मुबारक हो’ कहो,
नया वर्ष मनाओ, नया वर्ष मनाओ.

11.दिल की धूल झाड़कर तो देखें खिलेंगे फूल,
नकारात्मकता से मिलेंगे शूल-ही-शूल,
आप कहेंगे, ‘दिल कोई फर्नीचर है, जिसे झाड़ दें’,
याद रहे.
मटमैला कर सकती है दिल के तारों को ज़रा-सी धूल.

12.पर्यावरण
रहेगा सुरक्षित
करें रक्षण.

13.हम हवा का रुख तो नहीं बदल सकते,
लेकिन उसके अनुसार,
अपनी नौका के पाल की दिशा जरूर बदल सकते हैं.

14.मुझे रिश्ते की लंबी कतारों से मतलब नहीं,
कोई दिल से हो मेरा तो, इक शख़्स ही काफ़ी है.

15.शेर कभी छिपकर शिकार नहीं करते,
बुजदिल कभी खुलकर वार नहीं करते,
हम तो हैं वो जो नया साल विश करने के लिए,
एक जनवरी का इंतजार नहीं करते.

16.नए साल की पावन बेला में एक नई सोच की ओर कदम बढ़ाएं,
हौसलों से अपने सपनों की ऊंचाइयों को छू कर दिखाएं,
जो आज तक सिमट कर रह गए थे ख्यालों में,
उन सपनों को नव वर्ष 2020 में सच कर दिखाएं.

17.आया नव वर्ष द्वार हमार,
देता दस्तक करके पुकार,
बीते बरस की बातें बिसार,
ले आया मैं खुशियां-प्यार.

18.नए रंग हों नई उमंगें, आंखों में उल्लास नया,
नए गगन को छू लेने का, मन में हो विश्वास नया,
नए वर्ष में चलो पुराने, मौसम का हम बदलें रंग,
नई बहारें लेकर आए, जीवन में मधुमास नया.

19.नए वर्ष में करें इरादा,
जीवन नई दिशा में मोड़ें,
ग़र हो कोई बुरी आदत तो,
मन में निश्चय करके छोड़ें.

20.चुलबुला-सा प्यारा बीते यह साल,
होती रहे हरदम खुशियों की धमाल,
खुदा भी कहे हमारी खुशियां देखकर,
मुबारक हो, मुबारक हो, सबको नया साल.

21.पिछली यादें गठरी में बांधकर
किया हमने नए वर्ष का इंतजार
लेकर खुशियों की बारात साथ में,
आया सुहाना-सजीला नया साल.

22.प्रेम और सौहाद्र से करते नव वर्ष का आगाज,
सभी दिलों में प्रेम रहे और बढ़े ज्ञान रूपी प्रकाश,
नव वर्ष की बेला छाई है हर ओर,
चलो मनाएं एक और नव वर्ष फिर एक साथ.

23.काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए,
हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जाए,
जीने को तो सब जीते हैं ज़माने में,
ज़िन्दगी ऐसे जियो कि 2020 मिसाल बन जाए.

24.नूतन वर्ष, नूतन हर्ष,
होता रहे हर पल उत्कर्ष,
आनंद की बगिया महकती रहे,
जीवन में सफलता लाए नया वर्ष.

25.वृक्षों पर सज रही नये पत्तों की बहार,
हरियाली से महकता रहे प्रकृति का व्यवहार,
चारों तरफ हैं मौसम के मेले-ही-मेले,
हर कोई कर रहा नववर्ष का सत्कार.

26.इंसान सचमुच ही इंसान बन जाए,
प्रेम के चटकीले रंग में रंग जाए,
सबको परम सत्ता का अंश मानकर,
आनंद की निश्चल मुस्कान में रम जाए.

27.लोगों से कह दो, हमारी तकदीर से ईर्ष्या करना छोड़ दें,
हम घर से दवा नहीं मां की दुआ लेकर निकलते हैं,
कोई न दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं,
वैसे भी हम खुशियां रखते नहीं बांट दिया करते हैं.

28.एक खूबसूरती, एक ताज़गी,
एक सपना, एक सच्चाई,
एक कल्पना, एक अहसास,
एक आस्था, एक विश्वास,
यही है एक नए साल की शुरुआत.
नव वर्ष से करें आइए शुभ मुलाकात.

29.नया साल हर साल आता है,
खुशियों की सौगात साथ लाता है,
इस नये साल में आपको वो सब मिले,
जो आपके दिल को सुहाता है.

30.परदेस में आया नया साल,
नए-नए नज़ारे लाया बहुत कमाल,
गज़ब के फायरवर्क्स यानी आतिशबाज़ी,
देखकर दिल हो गया बाग-बाग और राज़ी.

31.बीते साल को भावपूर्ण विदाई
आने वाले साल की कोटिशः बधाई.

 

प्रस्तुत है पाठकों के और हमारे प्रयास से सुसज्जित विशेष सदाबहार कैलेंडर. कृपया अगले विशेष सदाबहार कैलेंडर के लिए आप अपने अनमोल वचन भेजें. जिन भाइयों-बहिनों ने इस सदाबहार कैलेंडर के लिए अपने सदाबहार सुविचार भेजे हैं, उनका हार्दिक धन्यवाद.

हर सुबह एक नया सदाबहार अनमोल वचन निकालने के लिए आप हमारी इस ऐप कम वेबसाइट की सहायता ले सकते हैं-

https://www.sadabaharcalendar.com/

 

पुनश्च-

4 जनवरी को ‘नए साल की नई कविताएं’ और 9 जनवरी को नए साल और जन्मदिन पर अनमोल वचन से सराबोर विशेष सदाबहार कैलेंडर ब्लॉग लाने की योजना है. आप लोग कामेंट्स में भी कविताएं भेज सकते हैं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “विशेष सदाबहार कैलेंडर-146

  • लीला तिवानी

    आज का सुविचार-
    नए साल में सही राह पर, अपने रथ को मोड़ो,
    तंज़ करना छोड़ो, ठोस काम से नाता जोड़ो.

Comments are closed.