गीतिका/ग़ज़ल

मंहगाई तो टीस है

मंहगाई तो टीस है ,नही इसका  उपचार
बढ़ा के कीमत ये कहें,हम नही जिम्मेदार
हरदिन ड़रे वो भूख से,चिन्ता बढ़ी दिन रात
कैसे बढ़िया खाओगे,नही पास रोजगार
पकेगा क्या कुछ भी नही,खत्म है सब्जी भात
चूल्हा तो खामोश है ,जला ना उसके द्वार
आँख मूँदते दिखते है,करते नही छिड़काव
आग लगा दी और कहा,होगा और विस्तार
हवा साथ ना दे जब भी, उलट हो जाये आग
आग लगाने वालो का,जलेगा खुद का द्वार
देख आग में घर अपना,कहें वो करो बचाव
अरे जला है घर मेरा, ड़ाल पानी की धार
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त

One thought on “मंहगाई तो टीस है

  • शालिनी शर्मा

    हार्दिक आभार आद सादर नमन

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