संस्मरण

जल संकट

“सुबह से ट्यूबवेल खराब है,
न ठीक से शौच कर पाया है,
न मुँह धो पाया है,
स्नान की बात दूर !
मिस्त्री नहीं मिल रहे !
सिर्फ़ कलम महान नहीं !”

एक शिक्षक मित्र आये थे, जो इस संबंध में जानकारी रखते थे । खोल-खाल कर देखा, तो उन्होंने बताया- लोहे की पाइप में कहीं लीक है ।
ले लोटा ! अब नई ट्यूबवेल गाड़ने में Rs 5,000 का फेर ! सोहेल जी, जब निराश पे निराश हो जाऊँगा, आपकी याद अवश्य करूँगा ! तब तक कष्ट झेलने दीजिए, जल-संकटीय कष्ट का अलग ही मज़ा है !

“सचमुच में आज
घर में
जल-संकट रहा !
बचपन में मैंने
अपना ‘मूत’ खूब पीया है,
बछिया का भी!
आजकल घर में सत्तू है,
भूख बढ़ने पर
इसी से सान लूँगा ?”

आपने तो याद भी किया और कई हैं, इन बातों को हँसी में टाल देते हैं ! अनेकानेक शुक्रिया ! इनमें लाइक करनेवाली कोई बात ही नहीं है ! हाल-चाल पूछना चाहिए था ! कष्ट में भी स्मरण करने से दुःख ही मिलता है !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.